How Choose Stocks For Intraday Trading, Price Action Strategy In Hindi, Intraday Option Buying Strategy
How Choose Stocks For Intraday: Intraday Trading Meaning in Hindi, What is Volume in Share Market in Hindi –
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) जो की ट्रेडर (trader) को अच्छा मुनाफा दे सकती है, पर एक गलत शेयर (Share) में पोजीशन (position) लेना नुकसान का कारण भी बन सकती है और इसलिए सबसे ज़रूरी ये जानना है कि इंट्राडे के लिए स्टॉक (Stock) कैसे चुने|
वैसे तो शेयर मार्केट (Share Market) में हज़ारो कम्पनीज (companies) है लेकिन उनमे से कुछ ही कम्पनीज के शेयर में इंट्राडे ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाया जा सकता है तो आइये जाने ऐसे कौनसे कारक है जो इंट्राडे के लिए शेयर चुनने के लिए महत्वपूर्ण है।
Which Shares do you buy in Intraday Trading?
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) में शेयर का चुनाव करने के लिए कुछ पहलुओं को ध्यान में रखना होता है जैसे की :
1. लिक्विडिटी (liquidity)
2. वोलैटिलिटी (Volatility)
3. ट्रेंड (Trend)
4. मोमेंटम (Momentum)
किसी भी शेयर को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trade) में खरीदने से पहले इन चारों पहलुओं पर सही होना जरूरी है, आइये इन चारो पहलूओं को विस्तार में समझते है:
1. Liquidity Analysis for Intraday In Hindi –
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading Meaning in Hindi) यानी की आज ही ट्रेड (Trade) ली और आज ही मार्केट (market) के बंद होने से पहले अपनी ट्रेड को क्लोज कर दिया।
अब इंट्राडे (Intraday) में लिक्विडिटी (Liquidity) की जरूरत कुछ इस तरह है की ट्रेड लेने के लिए शेयर की पर्याप्त क्वांटिटी (quantity) होना जरूरी होता है| अगर उसमें ज्यादा क्वांटिटी में शेयर ट्रेड (quantity) हो रहे होंगे तभी तो ट्रेडर (quantity) सोदे में ज़्यादा मुनाफा कमा पायेगा।
Liquidity की जानकारी वॉल्यूम (What is Volume in Share Market in Hindi) से ली जाती है जो ये संकेत देता है कि कितने ट्रेडर मार्केट वैल्यू (market value) पर शेयर को बेचने और खरीदने में इच्छुक है।
जितने ज़्यादा ट्रेडर (trader) की वॉल्यूम (volume) उतना मुनाफा कमाने का अवसर। Intraday Option trading, Best Indicator for Intraday Option Trading
उदाहरण के लिए, मान लो की अगर आपने किसी शेयर (share) को 1000 रुपये के भाव पर खरीद लिया लेकिन उसमे लिक्विडिटी कम (low liquidity) है तो ऐसे में स्क्वायर ऑफ (square off) करते समय आपको कम सेलर होने की वजह से सही सौदा नहीं मिलेगा और कई बार नुक्सान के साथ आपको अपनी पोजीशन (position) से बाहर निकलना होगा।
इसके साथ वॉल्यूम (volume) की जानकारी से हम ट्रेंड (trads) को भी जान सकते है:-
वॉल्यूम (Volume) | प्राइस (Price) | ट्रेंड (Trade) |
Increases | Increases | Bullish |
Increases | Decreases | Bullish |
Decreases | Increases | Bullish Trend will end soon |
Decreases | Decreases | Bullish Trend will end soon |
2. Volatility Analysis for Intraday in Hindi
इंट्राडे (Intraday) के लिए बेस्ट स्टॉक (Stock) चुनने के लिए लिक्विडिटी (liquidity) के बाद वोलैटिलिटी (Volatility) पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होता है। वोलैटिलिटी (Volatility) यानी की अस्थिरता, अगर किसी शेयर में अस्थिरता रहेगी तभी तो वो दिन के दौरान ऊपर नीच (up-down) जाएगा और ट्रेडर (traders) उस ऊपर नीचे जाने की स्थिति में सोदा लेकर मुनाफा (Profit) बना पाएगा।
शेयर की वोलैटिलिटी (Volatility) को उसके ऊपर नीचे होने की दशा में मापा जाता है, जितनी अच्छी वोलैटिलिटी (Volatility) उतने अच्छे सोदा लेने के मौके।
आइये इसे एक उदाहरण से समझते है। Bank Nifty Intraday Trading, Intraday Option trading Strategy
मान लो की किसी शेयर (share) की कीमत ₹100 चल रही है और उसकी वोलैटिलिटी (volatility) 1% है इसका मतलब वह ज़्यादा से ज़्यादा 101 तक ऊपर जा सकता है और 99 की वैल्यू (value) तक नीचे गिर सकता है। Banknifty Intraday Strategy, Best Indicators for Intraday Option Trading
ऐसे में अगर आपने सपोर्ट (support) पर इस शेयर (share) को खरीद भी लिया तो ज़्यादा मुनाफा नहीं कमा पाओगे। Best Option Selling Strategy For Intraday, Best Option Strategy For Intraday
वही अगर शेयर में 4% की वोलैटिलिटी (volatility) हो तो वह मुनाफा (Profit) कमाने का अवसर भी है लेकिन उसके साथ कई तरह के जोखिम (risk) भी है।
मार्केट में वोलैटिलिटी (volatility) की जानकारी के लिए बोलिंजर बैंड इंडिकेटर (Bollinger band indicator in hindi) का उपयोग कर सकते है। यह शेयर मार्किट इंडिकेटर (Share Market Indicator in Hindi) की सूची में वोलैटिलिटी इंडि केटर (volatility indicator) में विभाजित है |
3. Trend Analysis for Intraday in Hindi
रेंज बाउंड मार्किट (range bound market) या कंसोलिडेशन मार्किट (consolidation market) : इसमें भाव एक छोटी रेंज (low range) में ऊपर निचे होता रहता है और ट्रेडर (trader) ज्यादातर इसके झांसे में फंसकर अपनी पूंजी गँवा देता है।
ऊपर दर्शाए चार्ट (chart) में देखिये की एक रेंज बनी हुई है और भाव बार बार उस रेंज में ऊपर निचे जा रहा है, अब नए और अनुभवहीन ट्रेडर (inexperienced trader) इस रेंज में सौदा तो ले लेते है और उनका टारगेट नहीं आ पाता।
कारण होता है की शेयर ट्रेंड (share Trade) में नहीं होता और जब भी वो सौदा लेता है तो उसको आगे ग्रोथ (growth) मिलने की बजाए रेंज (Range) का ऊपरी बैंड (band) मिल जाता है जो की शेयर (share) को वापस निचे धकेल देता है।
जब तक बाज़ार (market) इस रेंज से निकलकर ट्रेंड (trade) नहीं पकड़ लेता तब तक ट्रेड करना जानबूझकर जोखिम (risk) उठाना कहलाएगा। Bank Nifty No Loss Strategy Intraday, Bank Nifty Intraday Strategy
(Trading Based on Trend) ट्रेंड के सहारे ट्रेडिंग: इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) में ट्रेंड की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। ट्रेंड से ट्रेडर ये तय कर पाता है की खरीददारी करनी है या बिकवाली (selling out) करनी है। इंट्राडे ट्रेडिंग (selling out) के लिए स्टॉक (Stock) का चयन करने के लिए ये एक जरूरी पहलु है |
ऊपर दर्शाये चार्ट (chart) में एक घंटे का टाइम फ्रेम (time frame) और उसमें तेजी यानी की दिखाई दे रही है। इसमें भाव मूविंग एवरेज (price moving average) के साथ साथ मूमेंटम (momentum) करता हुआ दिखाई दे रहा है। अब देखने वाली बात ये है की एक घंटा जो की एक बड़ा टाइमफ्रेम (timeframe) है तो छोटे टाइम फ्रेम में मूमेंटम (momentum) के आधार पर ट्रेड (trade) करना आसान होता है।
दूसरी तरफ 15 मिनट के टाइमफ्रेम (timeframe) वाले चार्ट में देखा जा सकता है की एक घंटे की मूविंग एवरेज (Moving Average in Hindi) पर जब भाव आता है तो वहां से दोबारा मूमेंटम (momentum) के साथ ऊपर चला जाता है, एक ट्रेडर के लिए इस तरह ट्रेंड (Trend) के साथ ट्रेड (trade) करना आसान होता है और मुनाफा निकालना भी आसान होता है।
क्योंकि ज्यादातर टाइम शेयर (share) का भाव अपने ट्रेंड के अनुरूप ही जाता है तो अपट्रेंड (uptrend) में बुलिश सौदा (bullish deal) लेने की बजाए बियरीश सौदा (bearish deal) लेना अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।
ट्रेंड (Trade) के साथ चलने में गलत होने की संभावना (Possibility) कम हो जाएगी। how to select stocks for intraday trading one day before, how to choose right stocks for intraday trading
इंट्राडे (Intraday) में टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis) के आधार पर शेयर की खरीददारी।
मूमेंटम (momentum) यानी की तेजी की स्पीड यानी गति, किसी भी चीज की गति को मूमेंटम के सहारे समझा जा सकता है। जैसे की गाडी जब चलती हुई धीरे धीरे और तेज गति के साथ चलने लगती है।
तो उसे कहा जाएगा की गाडी ने मूमेंटम (momentum) पकड़ ली है। बिलकुल उसी प्रकार शेयर (Share0 जब बुलिश ट्रेंड (bullish trend) में चल रहा हो और जब वो बुलिश ट्रेंड में ही और तेज गति पकड़ ले तो उसे कहेंगे की शेयर (share) ने मूमेंटम (momentum) पकड़ ली है।
टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis) के सहारे उस मूमेंटम (momentum) को समझा जा सकता है और ट्रेड भी किया जा सकता है। how choose stocks for intra day trading, how do choose for intra day trading
4. Momentum Analysis for Intraday in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग में टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis) का ही उपयोग होता है, क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) की समय सीमा केवल एक ही दिन की होती है तो वो फंडामेंटल अनालिसिस (Fundamental Analysis in Hindi) या किसी अन्य प्रकार के अनालिसिस (analysis) की मदद से कर पाना संभव नहीं होता।
हमने लिक्विडिटी (liquidity), वोलैटिलिटी (Volatility) और ट्रेंड (Trade) के बारे में समझ लिया, जब कोई शेयर इन तीनों चीजों के आधार पर सही हो और ट्रेड (trade) करने लायक हो तो अंतिम चरण बचता है टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis), जो ट्रेडर को बताएगा की कहाँ पर सोदा (Buy) लेना है और कहाँ पर बेचना (sell) है।
अब जो भी शेयर ट्रेडर (share traders) के टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis) के आधार पर खरीदने लायक हो उन्हें खरीदा जा सकता है, इसके लिए कुछ कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern in Hindi), चार्ट पैटर्न (chart pattern), इंडिकेटर (indicator) और रणनीतियां (strategies) है जिनकी मदद ली जा सकती है।
ट्रेडर को टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis) के जरिये इंट्राडे (Intraday) में अच्छी लिक्विडिटी (liquidity), अच्छी खासी वोलैटिलिटी (Volatility), और ट्रेडिंग शेयर (trading share) को ही खरीदना चाहिए। how to pic stocks for intra day trading in India, how to select stocks for intra day trading Tamil
निष्कर्ष। Conclusion –
इस पोस्ट में आपने जाना की इंट्राडे के लिए स्टॉक (stock) कैसे चुने | आपको बता दें की इंट्राडे ट्रेड (Intraday trade) करना जितना मुश्किल है उतना ही आसान भी है बस फर्क है प्लानिंग (planning) करने और बिना प्लानिंग के ही इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) करने की कोशिश करना। Intraday Option Selling Strategy, Intraday Bank Nifty
अगर प्लानिंग के साथ इंट्राडे करेंगे तो आप पहले बड़े टाइमफ्रेम (timeframe) के सहारे ट्रेंडिंग स्टॉक्स (trending stocks) को खोजेंगे उसके बाद उन खोजे हुए स्टॉक्स में टेक्निकल अनैलिसिस (technical analysis) की मदद से सौदा बनाएँगे। ऐसा करने पर मुनाफा (profit) कमाने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।
टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis), ये शब्द जितना पुराना है उतना ही प्रभावशाली है। एक ट्रेडर को अच्छी तरह सोच विचार करने के उपरान्त सही पहलुओं के अनुरूप इंट्राडे (Intraday) में स्टॉक चुनने के बाद टेक्निकल अनालिसिस (technical analysis) की मदद से शेयर को खरीदना चाहिए। how to select stocks for intraday live trading, what stocks is best for day trading
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